आकाश का संदेश | Message from the Sky – एक प्रेरणादायक कविता

 क्या कभी आपने आकाश को ध्यान से देखा है? उसमें सिर्फ बादल, चाँद या तारे ही नहीं, बल्कि छिपे होते हैं अनगिनत संदेश, उम्मीदें और गहराइयाँ। प्रस्तुत है एक प्रेरणादायक कविता — "आकाश का संदेश"।


आकाश पर प्रेरणादायक कविता | Inspirational Poem on Sky and Nature in Hindi



जग समाहित हो जाए स्वयं में,
इतना तुम विस्तार करो।

रात्रि की ठंडक के पश्चात,
सूर्य के तेज को सहन करने का सामर्थ्य रखो।

एकत्रित करो जग हित की बूंदों को —
रक्षा हेतु,
जिस तरह मैं समंदर एकत्रित करने का सामर्थ्य रखता हूं।

अगर इंद्रधनुष का सौन्दर्य स्वीकार करता हूं,
तो काले मेघ को भी उर में स्थान देता हूं।

जब लोग देखते हैं मुझे,
मैं नई आशा की किरणें उनमें भर देता हूं।

कहने को सिर्फ मैं आकाश हूं,
किन्तु मैं:
ईश्वर की दृष्टि,
जगत का दुसाला,
पक्षियों की आज़ादी,
किसान की आस हूं।

मैं आकाश हूं।


अगर ये कविता आपके मन को छू गई हो, तो कृपया इसे अपने मित्रों से शेयर करें।
नीचे कमेंट में बताएं – आपके लिए ‘आकाश’ क्या मायने रखता है?


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

प्रकृति से सीखें जीवन के मूल मंत्र |Life Lessons from Nature – Trees, Mountains, Rivers & More

निस्तब्ध प्रकृति

सच्चा सुख: प्रकृति से जुड़ाव | True Joy Lies in Nature