अगर दिखे कोई दुख में — तो तुम इंसानियत निभा जाना |Be the Light — When Someone Loses Their Way
इस तेज़ भागती दुनिया में जहाँ स्वार्थ और संवेदनहीनता बढ़ती जा रही है, ऐसे समय में हमें फिर से याद दिलाने की ज़रूरत है — इंसानियत का क्या मतलब है।
यह कविता उन्हीं मूल्यों को उजागर करती है — जहाँ राह भटके को दिशा, भूखे को अन्न, दुखी को सहारा और अन्याय के खिलाफ आवाज़ दी जाए।पथ भूल रहा गर राह में कोई
तुम सच्चे प्रणेता बन जाना
गर दिखे कोई राह में भूखा
तुम मुँह का निवाला तज जाना
अगर दिखे कोई निरपराध कष्ट में
रक्षा में उसकी अड़ जाना
अन्याय को होते देख तुम कभी
मुँह फेर के मत जाना
गर निराश हो जीवन से कोई
तुम नई जिजीविषा भर आना ||
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