हम मसरूफ रहे — और वक्त चुपचाप रंग बदलता गया | While We Stayed Busy — Time Quietly Changed Its Colors

 कभी-कभी ज़िंदगी की रफ़्तार इतनी तेज़ होती है कि हमें एहसास ही नहीं होता कि वक्त और लोग कैसे बदलते जा रहे हैं।

यह शायरी उसी भावना को बयाँ करती है — जब हम जीवन रंगीन बनाने में लगे रहते हैं, और वक्त चुपचाप अपने रंग बदल जाता है।






A lone person walking into the sunset — symbolizing time changing quietly while life goes on

हम सुबह से चलते गये,


वो शाम से ढलते गये,

हम मसरूफ थे हयाते रंग भरने में,


और वो आहिस्ता आहिस्ता,


रंग बदलते गये।





यह शायरी सिर्फ अल्फ़ाज़ नहीं, बल्कि एक अहसास है — जो हर किसी ने कभी न कभी महसूस किया है।
हम ज़िंदगी में खोए रहते हैं, और वहीं वक्त चुपचाप हमें बदलता चला जाता है — हमारे आसपास के रिश्ते, मौक़े और भावनाएँ।



क्या कभी आपको भी लगा कि आप ज़िंदगी में मसरूफ थे, और वक्त अपना रंग बदल गया?
नीचे कमेंट में अपनी राय या कोई दिल छू लेने वाली शायरी ज़रूर शेयर करें।

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