पारंगत प्रकृति
दर्द् में प्रलेप है प्रकृति
निराशा में प्रेरणा है प्रकृति
भय में रक्षी है प्रकृति
दुर्बलता में बल देने वाली है प्रकृति
व्यवधान मैं समाधान है प्रकृति
रोग में पथ्य है प्रकृति
अशांत मन की नीरवता है प्रकृति
आत्मा के नजदीक से होकर गुजरती है प्रकृति
नादान न समझ लेना प्रकृति को
मन को समझ लेने मैं
पारंगत है प्रकृति
©® दीक्षा
Comments
Post a Comment